Ekta Singh

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प्रेम जाल

सुबह 5:30 का समय पक्षियों की चहचहाने की आवाजें आने लगती है।
Clock Clock Clock •••••••••ऽऽ••ऽऽ•ऽऽऽ
नम्रता झट से अलार्म बंद कर देती है।
अपने डेली के काम करने लगती है।
प्रगति (कमरे की रूम पार्टनर)
नम्रता क्या हुआ?बहुत परेशान लग रही है। अरे यार क्या बताऊं? कल पापा का फोन आया था।वह बुला रहे हैं, शेरी की तबीयत ठीक नहीं है।

प्रगति-तो क्या हुआ यार?अंकल डॉक्टर को दिखा देंगे ठीक हो जाएगी तुझे क्यों बुला रहे हैं।

नम्रता-पता नहीं यार यह तो जाकर ही पता लगेगा।
प्रगति-यार तेरी जॉब को अभी 6 महीने ही हुए हैं छुट्टी कैसे मांगेगी?
नम्रता- यही सोच रही हूँ यार•••••
प्रगति-चल कोई बात नहीं यार परेशान मत हो। मैं काम समेट लूंगी । तू ऑफिस जा और शांति से बात करना। सब ठीक होगा।

नम्रता-ठीक है यार चलती हूं।
प्रगति को बाय करके ऑफिस के लिए निकल जाती है। कुछ ही देर में उसके ऑफिस की बस आ जाती है और वह आधा घंटे में ऑफिस पहुँच जाती है।
अपने मन के विचारों से  बाहर आती है और माथे की सिलवटें ठीक करती है।
गुड मॉर्निंग सर••
गुड मॉर्निंग नम्रता• एक बनावटी मुस्कुराहट अपने ऑफिस क्लीकस को देती है•• और अपने काम पर लग जाती है।
उसे काम करते-करते  पता ही नहीं चलता कि सुबह से शाम हो जाती है।
तभी नम्रता को याद आता है उसे तो अपने एचआर से छुट्टी के लिए बात करनी है।
वह फटाफट रूम में जाती है
हेलो सर (सचिन)
हाय नम्रता कुछ काम था क्या??

नम्रता-सर बात यह है कि मुझे कल सुबह अपने होमटाउन जाना पड़ेगा तो मुझे दो-तीन दिन की छुट्टी चाहिए।
सचिन- अभी तो पॉसिबल नहीं है। लेकिन फिर भी मैं कोशिश करता हूँ कि तुम छुट्टी मिल पाए।

नम्रता-प्लीज सर !! मुझे छुट्टी चाहिए आपको पता है। मैंने पिछले 6 महीने से कोई एक्स्ट्रा छुट्टी नहीं ली है।
सचिन-आई नो वेरी वेल नम्रता जस्ट चिल •आई विल ट्राई तुम जा सकती हो।।
नम्रता उदास चेहरा बनाकर वापस अपनी चेयर पर आ जाती है।

वह सामने घड़ी में समय देखती है अभी 5:30 बजे थे। आधा घंटा और काम करना था। वह अपने काम में लग जाती है।
उसका काम करने में मन नहीं लग रहा था। लेकिन फिर भी काम तो करना था।
नम्रता मैम••••
अपने विचारों में खोई हुई थी वह अचानक डर जाती है
उसके सामने सचिन खड़ा था।
नम्रता-ओह ! सर आप आई एम सॉरी
सचिन-कोई बात नहीं तुम्हारे लिए खुशखबरी है तुम्हें 3 दिन की छुट्टी  मिल गई है।
नम्रता-थैंक यू सर थैंक यू सो मच
सचिन वहां से चला जाता है नम्रता भी फटाफट अपना काम खत्म कर के सबको बाय कह कर
चली जाती है।
अब उसको तसल्ली थी।

अगले दिन अपने होम टाउन के लिए निकल जाती है। 4 घंटे का बस का सफर तय करके वह अपने घर पहुँच जाती है।
नम्रता घर आ जाती है।
मम्मी-बेटा तू आ गई ????देख तो जरा •••शेरी की क्या हालत है??
शेरी नम्रता से  4 साल छोटी थी।
नम्रता-यह तो सो रही है मम्मी आजा बेटे•••• दूसरे कमरे में चलते हैं यह ले पानी पी ले।

मम्मी यह बताओ इसे क्या हुआ है पता नहीं बेटा  मुझे लगा दसवीं की पढ़ाई है चिंता हो रही होगी। इसीलिए कमरे में बंद होकर पढ़ती रहती। मैंने भी डिस डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा।

लेकिन दो रातों यह बिल्कुल नहीं सोई। पता नहीं इस ने कौन सी बात अपने मन में रख ली। सुबह जब मैं कमरे में चाय लेकर गई तो यह बहुत बहकी बहकी बातें कर रही थी। मैं डर गई फिर मैंने तेरे पापा को बोला देखो!इसे क्या हो गया है? वह भी चिंता में आ गए।
डॉक्टर के पास गई तो कुछ टेस्ट लिखे हैं और कहा कि इसको आराम करने दो इसे टेंशन मत दो।

मुझे समझ नहीं आ रहा इसे किस बात की टेंशन हो गई। थोड़ी देर बाद शेरी उठ गई उठते ही उसने गले से लगा लिया दीदी आप कहाँ चली गई थी?   आप मुझे छोड़कर मत जाना नम्रता भी घबरा गई और उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे।

नम्रता क्या करेगी? क्या वो नोकरी छोड़ देगी? क्या वह शेरी को ठीक कर पाएगी? ये सब जानने के लिए पढते रहे।


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4 Comments

वानी

02-Jun-2023 04:20 PM

Nice

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Vedshree

02-Apr-2023 05:00 AM

👌👌🌸

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Varsha_Upadhyay

30-Mar-2023 08:51 PM

शानदार

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